ताजा समाचार

Istanbul में फंसे 400 इंडिगो यात्री आखिरकार भारत लौटे, राहत की सांस

Istanbul, तुर्की में गुरुवार शाम से फंसे 400 इंडिगो यात्रियों ने आखिरकार राहत की सांस ली जब वे दो अलग-अलग फ्लाइट्स के जरिए भारत पहुंचे। इनमें से एक फ्लाइट ने 200 यात्रियों को लेकर दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंड किया, जबकि दूसरी फ्लाइट ने बाकी 200 यात्रियों को मुंबई पहुंचाया।

यात्रियों और उनके परिजनों में खुशी का माहौल

इस्तांबुल से भारत लौटने वाले यात्रियों के चेहरों पर राहत और खुशी साफ झलक रही थी। हवाई अड्डे पर उनका इंतजार कर रहे उनके परिजन भी बेहद उत्साहित और संतुष्ट नजर आए। 12 दिसंबर को इस्तांबुल एयरपोर्ट से दो इंडिगो फ्लाइट्स (6E12 और 6E18) के जरिए 400 यात्रियों को नई दिल्ली लाने की योजना थी। लेकिन अचानक इन दोनों फ्लाइट्स को पहले देरी का सामना करना पड़ा और फिर उन्हें रद्द कर दिया गया। इसके बाद यात्री इस्तांबुल में फंसे रह गए।

शनिवार रात करीब 2 बजे, पहली फ्लाइट 200 यात्रियों को लेकर दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची। यात्रियों को टर्मिनल से बाहर आने में लगभग एक घंटे का समय लगा। बाहर इंतजार कर रहे परिजन अपने प्रियजनों को देखकर काफी खुश थे। यात्रियों ने बताया कि जब तक विमान ने उड़ान नहीं भरी, तब तक उन्हें यकीन नहीं था कि वे भारत पहुंच पाएंगे।

दूसरी फ्लाइट रविवार सुबह मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंची। यहां भी यात्रियों का स्वागत करने के लिए बड़ी संख्या में उनके परिजन मौजूद थे।

Istanbul में फंसे 400 इंडिगो यात्री आखिरकार भारत लौटे, राहत की सांस

यात्रियों का दर्द और सवाल

इस्तांबुल में फंसे इन यात्रियों ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि फ्लाइट कैंसिल होने के बाद एयरलाइंस ने उन्हें किसी भी प्रकार की उचित जानकारी या मदद उपलब्ध नहीं कराई। होटल व्यवस्था, खाने-पीने की सुविधा और आगे की यात्रा के बारे में एयरलाइंस से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला।

यात्रियों का कहना था कि एयरलाइंस द्वारा दी गई सेवा मानकों के अनुरूप नहीं थी। इनमें से कई यात्रियों ने फ्लाइट्स के रद्द होने और लंबी देरी पर नाराजगी जाहिर की।

पुराने लीज पर लिए गए विमान बने सवाल का कारण

रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन दो विमानों में तकनीकी खराबी आई थी, वे बोइंग विमान थे और तुर्की एयरलाइंस से लीज पर लिए गए थे। ये दोनों विमान 10 साल से ज्यादा पुराने बताए जा रहे हैं।

यात्रियों और विशेषज्ञों का कहना है कि एक तरफ इंडिगो अंतरराष्ट्रीय रूट्स पर अपने बेड़े का विस्तार करने और यात्री संख्या बढ़ाने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर पुराने विमानों का इस्तेमाल करना यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ जैसा है।

इंडिगो की सफाई और जांच प्रक्रिया

इंडिगो ने इस पूरे मामले पर तकनीकी जांच कराने की बात कही है। एयरलाइंस ने कहा है कि जांच के नतीजों को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के साथ साझा किया जाएगा।

IGI एयरपोर्ट पर सर्वर डाउन ने बढ़ाई मुश्किलें

इसी बीच, दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर एक और घटना में इंडिगो यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। एयरलाइंस का सर्वर धीमा हो जाने के कारण यात्रियों को टिकट, चेक-इन और बैगेज संबंधित समस्याएं हुईं।

हालांकि, इंडिगो ने इस बात से इनकार किया कि सर्वर तकनीकी खराबी के कारण डाउन हुआ। एयरलाइंस ने इसे केवल सर्वर धीमे होने की समस्या बताया। लेकिन यात्रियों का कहना है कि इस घटना के कारण उन्हें बहुत असुविधा हुई।

यात्रियों की मांग: सुरक्षा और सेवा में सुधार

इस्तांबुल की घटना के बाद, यात्रियों और विशेषज्ञों ने इंडिगो से अपनी सेवाओं और सुरक्षा उपायों को सुधारने की मांग की है। उनका कहना है कि पुरानी तकनीक और विमानों का उपयोग अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए उपयुक्त नहीं है। यात्रियों ने कहा कि एयरलाइंस को अपनी संकट प्रबंधन प्रणाली पर भी काम करने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह की स्थिति न उत्पन्न हो।

इंडिगो का बयान और भविष्य की योजना

इंडिगो ने यात्रियों की असुविधा पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि तकनीकी कारणों से विमानों को उड़ान भरने में देरी हुई। एयरलाइंस ने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी समस्याओं को रोकने के लिए बेहतर प्रबंधन और तकनीकी सुधार किए जाएंगे।

इस्तांबुल में फंसे 400 यात्रियों का भारत लौटना उनके और उनके परिवारों के लिए राहत की बात है। लेकिन इस घटना ने इंडिगो की सेवाओं, सुरक्षा और संकट प्रबंधन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

यह घटना यह भी दिखाती है कि बढ़ते अंतरराष्ट्रीय मार्गों और यात्रियों की संख्या के बावजूद, एयरलाइंस को सुरक्षा, सेवा और संकट प्रबंधन जैसे पहलुओं पर ध्यान देने की जरूरत है। यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता देते हुए, इंडिगो जैसी एयरलाइंस को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

Back to top button